क्या गुर्जर समाज का भी राजनैतिक दल होना चाइये ?

क्या गुर्जर समाज का भी राजनैतिक दल होना चाइये ?
संदीप ज्ञानेश्वर गुर्जर पाटील
अध्यक्ष:-गुर्जर सम्राट युवा मंच,महाराष्ट्र
प्रदेश सचिव :-अखिल भारतीय युवा गुर्जर महासभा, महाराष्ट्र
मो.9049360411
देश की कुल आबादी मैं 22% हिस्सा रखने वाली गुर्जर जाती जो एक मात्र ऐसे जाती है जो हिन्दू धर्म के अलावा मुस्लिम सिख धर्मो मैं भी मूल रूप से है |
इसके बावजूद आजादी के बाद से आज तक देश मैं कोई भी गुर्जर सामाज की पार्टी नहीं है या फिर ये कह लो आज तक कोई भी पार्टी ऐसी नहीं है जिसने गुर्जर सामाज का भला किया चाहे बात आरक्षण की हो या सामाज के विकास की आज तक गुर्जर सामाज को धोखे के सिवाय कुछ प्राप्त नहीं हुआ |
देश की राजनीति गुर्जर सामाज के नेताओ के बिना अधूरी है , फिर भी सामाज को आज तक उसकी असली पहचान नहीं मिल पायी है , तो प्रश्न ये उठता है की क्या सामाज के जिम्मेदार या राजनैतिक लोग सामाज के प्रति कुछ करना नहीं चाहते है ???
क्या उनको अपने भले के सिवाय सामाज का भला नहीं दीखता है ? या फिर वो सामाज के लिए कुछ करना नहीं चाहते है ??
देश के नेताओ मैं गुर्जर नेताओ के लंबी लिस्ट है पर सभी किसी ना किसी ने नीचे है और ऊपर बैठे चालक लोग कभी उनको ऊपर क्यों जाने देगे भला  ...
बीजेपी , काँग्रेस या किसी भी अन्य राजनितक दलो ने हमे हमेशा यूज़ किया है ...  गलती हमारी नहीं है हम तो अपने गुर्जर भाई को वोट देते है जो हमारी लोक सभा या विधानसभा से चुनाव लड़ता है हम वहा ये नहीं देखते है की कौन सी पार्टी से चुनाव लड़ रहे है हम देखते है की हमारा गुर्जर भाई चुनाव लड़ रहा है बस उसको वोट देना है यहाँ हम अपनी जगह सही है एक भाई दूसरे की सहायता नहीं करे तो क्या करे ??
हमारी इसी कमजोरी का फायदा या फिर हमारी इस एकता का फायदा राजनैतिक दल उड़ाते है और गुर्जरो को ही टिकीट देते है ..... पर शायद आज तक कभी उस नेता ने ये नहीं सोचा होगा की मैं यहाँ अपने गुर्जर भाइयो के दम पर जीता हूँ की पार्टी के दम पर ....
अब यहाँ से चुनाव लड़ने के और जीतने के बाद कभी उनको पार्टी मैं या फिर केंद्र मैं जगह नहीं दे जाती है क्योंकि वो लोग वहा सिर्फ अपनों को रखते है या अपनी जाती के लोगो को .. और गुर्जर सामाज की राजनीति cm के पद तक भी नहीं पहुँच पाती है ... बल्कि पहले हमे यही वादा मिलता है की अगर प्रदेश मैं सरकार बनती है तो cm गुर्जर ही होगा ... और हम लोग उनके लिए जी जान लगा देते है सिर्फ और सिर्फ सामाज के लिये .... और हमे बाद मैं हमेशा की तरह धोखे के सिवा कुछ नहीं मिलता !

और कभी कोई सामाज के दो चार लोग पार्टी बना कर चलते है ऊपर बैठे लोग हमे जातिवाद फैला रहे है बोल कर हमे शांत कर दिया जाता है ....
आखिर आपने कभी सोचा है जाट , यादव , ब्राह्मण , बनियो , दलित  के बारे मैं ?????? उनकी राजनीति के बारे मैं ???

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रालोद जाट सामाज की पार्टी है जो हमे किसानो के रूप मैं साथ रखते है जनसख्या मैं हमसे कम और जाट इस देश के pm पद तक पहुँच गए .....
अगर वो आरक्षण के लिए आंदोलन करते है तो उन लोगो को खरोंच तक नहीं आती है और हम आंदोलन करते है तो हमारे 72 लोग मार दिए जाते है और उनको आरक्षण भी मिलता है और हमको आरक्षण के नाम पर चूर्ण ...
और ये जानकर आपको ख़ुशी हो या गम ये तो पता नहीं पर गुर्जर सामाज के काफी बड़े नेता इसी पार्टी है

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सामाजवादी पार्टी
यादव सामाज की पार्टी up की राजनीति जिस के नाम से चलती है और वो हमारे मुस्लिम गुर्जर सामाज के वोट बैंक , यादव सामाज और गुर्जर सामाज के दम पर उत्तर प्रदेश पर राज कर रहे है इस पार्टी मैं भी गुर्जर नेता काफी संख्या मैं है |

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बीजेपी
ये एक कड़वा सच है की वो ब्राह्मण सामाज की पार्टी और देश मैं हिन्दू मुस्लिम की राजनीति करते है उस राजनीति मैं हम तो हिन्दू के नाम पर उनके साथ हो ही जाते है बल्कि हमसे मुस्लिम गुर्जर भी अलग हो जाते है | देश की राष्ट्रिय पार्टी होने के बावजूद वो गुर्जर सामाज के बिना अधूरी है चाहो तो बीजेपी मैं आज तक गुर्जर नेताओ की भूमिका रही है देश की संसंद मैं आज तक कभी बीजेपी या कांग्रेस की सरकार मैं कभी भी कोई राज्यपाल या राजदूत नहीं बना है क्योंकि उन पदों पर सरकार खुद प्रतिनिधि तैयार करते है और वो सिर्फ वहा अपने लोगो को बैठाते है की गुर्जर सामाज के लोगो को |

बसपा > पिछले दस साल पहले दलितों की हालात तो देखी होगी आपने ... ??? जो हमारे यहाँ घास काटते थे ... हमारे यहाँ नोकरी करते थे ... हमारी इज्जत करते थे ... मेरे कहने का मतलब ये नहीं है की हम उनका शोषण करते थे पर वो हमारा सम्मान जरूर करते थे .... और वही आज उनको कुछ बोल दो तो आपके ऊपर दलित एक्ट लग जाता है...  वो दलित एक्ट उड कर नहीं आया था ... बसपा जो दलितों की पार्टी .. उससे आया था ... जो दलित उत्तर प्रदेश मैं गुर्जरो के आगे चंद है वो यूपी की CM तक बन सकते है पर हम गुर्जर ?????
और हमारे नेता उनकी पार्टी से सांसद बनते है और मायावती ज़िंदाबाद बोलते है नहीं बोले तो पार्टी से बाहर .. अरे गुर्जर सामाज इतना मजबूर है ??? नहीं गुर्जर सामाज कभी मजबूर था ना होगा बस उसके नेता लोगो को अक्ल भाग गयी है ...

काँग्रेस >
आज भले इस दल का अस्तित्व खतरे मैं हो लेकिन एक लंबे समय तक देश पर इन्होंने राज किया गुर्जर सामाज का इस पार्टी के लिये क्या योगदान रहा इस बात को जानने के लिए हमारे नेता श्री राजेश पायलट जी का नाम ही काफी है

देश की प्रमुख पार्टी हमारे दम पर चलती है और हम उनका साथ दे कर उनके नारे लगाते है ... अरे हमसे छोटे छोटे सामाज के लोग हमसे आगे निकल जाते है .. हमारे दम पर और हम उनकी उनकी शादी मैं अब्दुला दीवाने की तरह नाचते है |

देश की ये पार्टी हमे बोलती की हम जातीवाद फेहला रही है ऊपर आप ने पढ़ ही लिया होगा की कौन क्या कर रहा है .... तो गुर्जर अगर राजनितिक पार्टी चलाये तो जातिवाद और ये चलाये तो राजनिति और गजब तो इस बात का है हम लोगो के दिमाग मैं भी यही बात फिट है |
अगर आप सोचते हो की आप दूसरे पार्टी से इलेक्शन जीत कर केंद्र मैं मंत्री या देश पर राजनिति कर सकते हो तो आप गलत हो सकते हो ... दूसरी पार्टी आपको तभी कुछ देगी जब उनको ये लगेगा की अगर हमे कुछ नहीं दिया गया तो हम छीनने की ताकत भी रखते है नहीं तो ऐसा होने के लिए इंतजार के सिवा कुछ नहीं है ... रालोद की अजित सिंह उड्डयन मंत्री तब बनते है जब उनके पास खुद की राजनितिक पार्टी का साथ था ...

अरे जो हम दुसरो के लिए कर सकते है वो अपने लिए क्यों नहीं कर सकते है और हा जो अपने सामाज के या दूसरे सामाज बेवकूफ लोग बोलते की गुर्जर सामाज मैं एकता नहीं है उनको बताना चाहूँगा 2007 के गुर्जर आंदोलन मैं हमने किराये पर लोग बुलाये दे वो सब गुर्जर थे ... और देखा ही होगा पूरा देश हिलाया था हमने तो जो बोलते है की गुर्जर सामाज मैं एकता नहीं है उनको डूब मारना चाहिये ...

आपको लोगो के क्या विचार है जरूर बताये | आपके जवाब का इंतजार रहेगा |

मैं गुर्जर सामाज और अपने सामाज के लोगो का दिल से सम्मान करता हूँ अगर किसी को मेरी बात बुरी लगी हो तो दिल से माफ़ी चाहता हूँ

जय गुर्जर
प्रदेश सचिव
संदीप  ज्ञानेश्वर पाटील गुर्जर
अखिल भारतीय युवा गुर्जर महासभा ,महाराष्ट्र

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